Category: Memoirs

विदेश में रचपच रहे बेटे-बहू के निमित्त खुली चिट्ठी

चि. उत्कृष्ट और आयु. संस्कृति, चि. उत्कृष्ट एवं आयु. संस्कृति, तुम दोनों के विवाह को आज दो वर्ष बीत चुके हैं! मन है, कि चंद शब्द लिखे जाएं। यह कि वैवाहिक जीवन साल-दर-साल बेहतर होते चलें। हालांकि भावी दांपत्य जीवन के स्वरूप और दशा-दिशा को आंकने के लिए दो बरस की अवधि पर्याप्त नहीं होती। […]

Retirement blues

I was reluctant to accept my retirement party. Yet I did. Here is why? This article was published in Deccan Herald nine days after my retirement. Myth of ‘meritorious service’:  After three decades and a half of ‘meritorious’ service as they euphemistically term it, as the date of my retirement draws close with only few days […]

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