एक साथ चुनाव आंचलिक हितों में नहीं
पहले कांग्रेस ने ‘एक देश एक चुनाव’ चलाया। अब बीजेपी वही करने पर तुली है। मंशा वही है। कैसे भी सत्ता हाथ से न फिसले। दूसरे पक्ष की नहीं सुनना समाज और देश के दूरवर्ती हित में नहीं है। भारत सरीखा वैविध्यपूर्ण देश शायद ही अन्य कोई हो! यह वैविध्य ही दुनिया के सबसे बड़े […]
मिट्टी का दिया है, तभी दीवाली है
कितना भी कर लें, कागजी फूल कुदरती फूलों का लुत्फ कभी न दे पाएंगे! दिवाली में मिट्टी के दियों का प्रयोग न केवल एक सुदीर्घ सांस्कृतिक प्रथा को संरक्षित करता है बल्कि स्वदेशी उद्योगों और मूल्यों को संवर्धित करता है।
भीषण गर्मी से आप बेचैन तो नहीं?
एजेंडा होगा तो मौसम की दुश्वारियां कम असर करेंगी। बेशक दिल्ली तथा उत्तरी भारत में गर्मी बेतहाशा है, उपरी तापमान 49 को छू रहा है, हवाएं मानों सुलग रही हैं। लोगों के शरीर, उससे ज्यादा उनके दिल छटपटा रहे हैं। यदि आप सोचते हैं जरूरी कार्य टाल देने और घर में दुबके रहने से आपको […]
शारीरिक कलाकारियों से ऊपर हैं योग के मायने
भारतीय उद्गम के योग का लोहा दुनिया मान गई है। क्या हम अभी भी नहीं चेतेंगे? चीनी दार्शनिक लाओत्जे से पूछा गया, आपके सुखी जीवन का राज क्या है। जवाब मिला, ‘‘जब भूख लगती है तो खा लेता हूं, नींद आती है तो सो जाता हूं।’’ जिज्ञासु पहले हकबक था, फिर तपाक से बोला, ‘‘यह […]