साथी नहीं, असल दोस्त चाहिएं जीने के लिए
दोस्त ही हैं जो जिंदगी को जीने लायक बनाए रखते हैं, अन्यथा जीवन सूना हो जाएगा। दोस्ताना भाव पति/पत्नी, भाई, बहन, बच्चों, आदि के बीच भी नहीं होंगे तो वे संबंध ढ़ह जाएंगे। राम (सक्सेना)- बलराम (गुमास्ता) दोनों ने भोपाल के उसी ऑफिस के तीसरे मित्र को रायपुर में उसके भाई के बाबत टेलीग्राम थमाया, […]