मां का दूधः बच्चे के लिए कुदरत का नायाब तौहफा
अनेक परीक्षणों के बाद, कुछ दशक पूर्व ही विज्ञान ने स्तनपान की आदिकाल से चली आई प्रथा पर मुहर लगाते हुए ऐलान किया कि बच्चों के पोषण और उनके शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक विकास के लिए मां के दूध का तोड़ नहीं है। इसे विडंबना ही कहेंगे कि माताओं और परिजनों की अज्ञानता या नासमझी […]
ऊपर वाले का न सही, सबसे ऊपर वाले का खयाल रहे
हालिया मोबाइल में प्राप्त एक मैसेज में किताबों में तल्लीन मालूम पड़ते एक बालक को दिखाया गया। उसने करीने से, रस्सी से मोबाइल फोन को लटका रखा है, परदे के पीछे ऐसे कि किसी को भनक न पड़े। जब वह आश्वस्त होता है कि कोई उसके कमरे में यकायक नहीं प्रकट हो जाएगा तो वह […]
संकल्प नेक हों तो रुहानी ताकतें भी हाथ बंटाती हैं
मनोवैज्ञानिक बताते हैं, मंसूबे नेक हों, इच्छा ज्वलंत, दिल साफ, और हौसले बुलंद, तो मनचाहा हासिल हो जाता है। वह कार्य भी संपन्न हो जाता है जो सर्वथा अकल्पित, अप्रत्याशित था, तमाम अटकलों से जुदा। और दुनिया भौंचक्की रह जाती है। गए मंगलवार 6 अगस्त को संसद में जो हुआ वह अजूबा से कम न […]
दोस्ती हो तो ऐसी
अंदरुनी सरोकार, उद्गार, व्यथाएं, हर्षोल्लास व करुणाएं साझा न किए जाएं तो जीवन बोझिल बल्कि असह्य हो सकता है। जिनकी कोई नहीं सुनता, उन्हें अपने कुत्ते या घोड़े से बतिया कर चैन मिलता देखा गया है। पारंपरिक रिश्तों के जरजराने से अब संबंधों का दारोमदार मुख्यतया मित्रों पर है अतः उनका सुविचारित चयन आवश्यक है। […]
साथी नहीं, असल दोस्त चाहिएं जीने के लिए
दोस्त ही हैं जो जिंदगी को जीने लायक बनाए रखते हैं, अन्यथा जीवन सूना हो जाएगा। दोस्ताना भाव पति/पत्नी, भाई, बहन, बच्चों, आदि के बीच भी नहीं होंगे तो वे संबंध ढ़ह जाएंगे। राम (सक्सेना)- बलराम (गुमास्ता) दोनों ने भोपाल के उसी ऑफिस के तीसरे मित्र को रायपुर में उसके भाई के बाबत टेलीग्राम थमाया, […]