जो, जितना, आपके निमित्त है वह कोई नहीं छीन सकता, इसलिए हड़बड़ी में अपना चैन नहीं खोएं
जल्दी का काम शैतान का। हड़़बड़़ी मचाएंगे तो काम में विलंब होने के आसार बनेंगे, काम उलटपलट भी सकता है। एक ट्रक के पीछे ज्ञान की बात लिखी थी, ’’जिन्हें जल्दी थी, वे चले गए!’’ धैर्य रखें, कुल मिला कर फायदे में रहेंगे, सुखी रहेंगे। याद रहे, जो आपके निमित्त, जितना आपके लिए तय है […]
सुखी रहने के लिए अपेक्षाएं घटानी पड़़ेंगी
अपने पति या पत्नी, बेटे, बेटी, संबंधियों, सहकर्मियों, पड़ोसियों, मित्रों और परिजनों से आप कितना संतुष्ट या प्रसन्न रहते हैं, यह उन उम्मीदों, अपेक्षाओं पर निर्भर है जो आपने दूसरों से बांध रखी हैं। जितनी ज्यादा अपेक्षाएं उतना ज्यादा दुख। इस प्रकार के दुखड़े आपने भी खूब सुने होंगेः (1) यह वही संतान है […]
छांव चाहिए तो धूप भी सहनी पड़ेगी
जिंदगी वरदान है या अभिशाप? यह तो नहीं हो सकता कि फूल हैं तो कांटें नहीं हों। एक ही परिस्थिति एक जन के लिए बला बन जाती है तो दूसरा सहजता से बेड़़ा पार कर लेता है। टंटा सोच का है। सुख का अर्थ प्रतिकूल परिस्थियों की अनुपस्थिति नहीं है। जीवन धूप-छांव का खेल है; […]
भला होने और भला दिखने के बीच की खाई
एक व्यक्ति वास्तव में भला है। दूसरा भला नहीं है, लेकिन भला दिखता है। आप दोनों में से किस कोटि में हैं या विकल्प मिलने पर किस कोटि में रहना चुनेंगे।समाज में अधिकांश मानसिक और अन्य समस्याएं इसीलिए हैं चूंकि स्वयं सही होने के बजाए हमारी चेष्टा रहती है कि दुनिया हमें सही समझे, हम […]
शांति रखेंगे तो सभी कार्य भलीभांति संपन्न हो जाएंगे
हर कोई हड़बड़ी में है। चैन किसी को नहीं! हो भी कैसे, मन स्थिर नहीं रहता। मन शांत, संयत नहीं रहेगा तो काम भी आधे-अधूरे होंगे, न ही उसमें लुत्फ आएगा। अच्छी बात यह है कि मन को शांत रखने की सामर्थ्य हर व्यक्ति में है। कोई भी कार्य सुचारु रूप से संपन्न होने की शर्त है […]
आत्मीय जन के चले जाने का प्रसंग
विनम्र श्रद्धांजलि: श्रीमान् महेश चंद्र कोटनाला कल आषाढ़ चतुर्दशी (27 जून 2022) सोमवार को मेरे श्वसुर श्री महेश चंद्र कोटनाला अपने कोटद्वार निवास में पार्थिव शरीर, और स्वजनों, परिजनों की संगत छोड़ कर चल पड़े! जीवन वृत्त वर्ष 1927 में उत्तराखंड में लैंसडौन के निकट मठाली गांव में जन्मे महेश चंद्र कोटनाला दो भाइयों व […]
कोई भी परिवेश, या परिस्थिति बेहतरीन नहीं होेती, उसे अनुकूल बनाना होता है
वह मकान किसी को नहीं फबता, फलां फलां दिन अमुक कार्य के लिए शुभ नहीं होते – ऐसी धारणाएं बनाने वाले न स्वयं खुशनुमां रहते हैं , दूसरों को और दुखी करते हैं। इसके बदले, यह गांठ बांध ली जाए, अपने चित्त और मन को दुरस्त कैसे रखना है तो जीवन आनंद बन जाएगा। वास्तु […]
गलती हुई है तो मान लेने में ही बड़प्पन है
कार्य करेंगे तो गलतियां भी होंगी। गलतियां मान लेंगे तभी सुधार होगा, अन्यथा नहीं।
तंबाखूः मुश्किलें तो बहुत हैं पर नकेल कसनी ही होगी
तंबाखू के प्रति लोगों और सरकार दोनों के दोगले रवैये से इसके प्रसार ओर सेवन पर नकेल कसना दुष्कर है। World No Tobacco Day 2023 बहुत से भारतीय घरों में मेहमान के स्वागत में उसके आते ही, और चाय नाश्ता या भोजन के उपरांत तंबाखू पेश करने की परिपाटी रही है। बयालीस साल पहले के […]
कार्य का दायरा सीमित होगा तो ऊर्जा में बिखराव नहीं आएगा, परिणाम भी उत्कृष्ट मिलेंगे
मन की सामर्थ्य अथाह है, औसत मानसिक स्तर का व्यक्ति भी गुल खिला सकता है। किंतु सांसारिक चिंताओं में स्वयं को उलझा कर व्यक्ति मूल्यवान ऊर्जा छितरा देता है। इसे सहेज कर किसी दिशा की ओर प्रशस्त रहे तो अपना और जग, दोनों का कल्याण कर सकता है। स्कूलों में भौतिकी प्रयोगशाला में केंद्रगामी यानी […]
भीषण गर्मी से आप बेचैन तो नहीं?
एजेंडा होगा तो मौसम की दुश्वारियां कम असर करेंगी। बेशक दिल्ली तथा उत्तरी भारत में गर्मी बेतहाशा है, उपरी तापमान 49 को छू रहा है, हवाएं मानों सुलग रही हैं। लोगों के शरीर, उससे ज्यादा उनके दिल छटपटा रहे हैं। यदि आप सोचते हैं जरूरी कार्य टाल देने और घर में दुबके रहने से आपको […]
नर्सें राजी-खुशी होंगी तो देखभाल बेहतर मिलेगी
कोविड काल में नर्सों ने जिस निष्ठा से अपना दायित्व निभाया, दुनिया ने उनका लोहा माना और उन्हें कोरोना योद्धा की संज्ञा से नवाजा। जरूरत है उन्हें यथोचित सम्मान मिले! अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में दिनरात मरीज तथा अन्य जरूरतमंदों की टहल में कोई निरंतर व्यस्त पाया जाता है तो वह नर्स है। बीमारी या […]