Category: हिंदी

तंबाखूः मुश्किलें तो बहुत हैं पर नकेल कसनी ही होगी

तंबाखू के प्रति लोगों और सरकार दोनों के दोगले रवैये से इसके प्रसार ओर सेवन पर नकेल कसना दुष्कर है। World No Tobacco Day 2023 बहुत से भारतीय घरों में मेहमान के स्वागत में उसके आते ही, और चाय नाश्ता या भोजन के उपरांत तंबाखू पेश करने की परिपाटी रही है। बयालीस साल पहले के […]

कार्य का दायरा सीमित होगा तो ऊर्जा में बिखराव नहीं आएगा, परिणाम भी उत्कृष्ट मिलेंगे

मन की सामर्थ्य अथाह है, औसत मानसिक स्तर का व्यक्ति भी गुल खिला सकता है। किंतु सांसारिक चिंताओं में स्वयं को उलझा कर व्यक्ति मूल्यवान ऊर्जा छितरा देता है। इसे सहेज कर किसी दिशा की ओर प्रशस्त रहे तो अपना और जग, दोनों का कल्याण कर सकता है। स्कूलों में भौतिकी प्रयोगशाला में केंद्रगामी यानी […]

भीषण गर्मी से आप बेचैन तो नहीं?

एजेंडा होगा तो मौसम की दुश्वारियां कम असर करेंगी। बेशक दिल्ली तथा उत्तरी भारत में गर्मी बेतहाशा है, उपरी तापमान 49 को छू रहा है, हवाएं मानों सुलग रही हैं। लोगों के शरीर, उससे ज्यादा उनके दिल छटपटा रहे हैं। यदि आप सोचते हैं जरूरी कार्य टाल देने और घर में दुबके रहने से आपको […]

नर्सें राजी-खुशी होंगी तो देखभाल बेहतर मिलेगी

कोविड काल में नर्सों ने जिस निष्ठा से अपना दायित्व निभाया, दुनिया ने उनका लोहा माना और उन्हें कोरोना योद्धा की संज्ञा से नवाजा। जरूरत है उन्हें यथोचित सम्मान मिले! अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में दिनरात मरीज तथा अन्य जरूरतमंदों की टहल में कोई निरंतर व्यस्त पाया जाता है तो वह नर्स है। बीमारी या […]

दूसरों को सम्मान देने वाला ही सम्मान पाने का अधिकारी होता है

बंद करिए फालतू के ऐलान – मैं आपकी बहुत इज्जत करता हूं। हर किसी के बस की नहीं है किसी को इज्जत बख्शना, पहले अपने भीतर झांकना होता है। मत करिए किसी की इज्जत, अपनी जबान को तो गंदा मत कीजिए। देहात में अकेले बसर करते बुजुर्ग खाने के बाद झपकी ले रहे थे कि […]

शत शत नमन योग्य है धरती मां

  आदि काल में पृथ्वी की संकल्पना अंतरिक्ष में मात्र एक ग्रह के रूप नहीं बल्कि समस्त ब्रह्मांड के बीचों बीच स्थित महाग्रह के रूप में की गई। सूर्य सहित सभी ग्रहों-उपग्रहों की भूमिका श्रेष्ठतम पृथ्वी के मुकाबले गौण समझी जाती थी। भारतीय धारणा की भांति यूनानी, चीनी आदि पुरातन संस्कृतियों में देखे-समझे जा सकने […]

मालूम है, आप सदा व्यस्त रहते हैं, लेकिन कहां – सवाल यह है

आप अस्त-व्यस्त — माफ करें — जरूरत से ज्यादा व्यस्त तो नहीं रहते। कार्य की चिंता अवश्य करें। किंतु ऐसे कार्य में व्यस्त रहने का अभ्यास करें जिसका मतलब बने, जो करने के बाद आपको आनंद और संतुष्टि मिलती रहे। बच्चे से बूढ़़े तक, कार्य या व्यवसाय कोई भी हो, सारा दिन बतियाते, बैठेठाले गुजरता […]

अमृत तुल्य जल पर टिका है जीवन का दारोमदार

प्राणदाई पोषण से कहीं परे, जल रहस्यमय, दैविक गुणों से परिपूर्ण अस्मिता है और सभी पंथों में श्रद्धेय। इसके अविवेकपूर्ण उपयोग से सर्वत्र हाहाकार की नौबत आने को है अतः हमें सचेत होना पड़ेगा। जल है तो जीवन है। यह समस्त प्राणि और वनस्पति जीवन का आधार है। पृथ्वी की सतह का करीब 71 प्रतिशत […]

आप जितना खुश हैं उससे ज्यादा खुश रह सकते हैं

खुश कौन नहीं रहना चाहता? और अपने हिसाब से, खुशनुमां जिंदगी गुजारने के लिए क्या-क्या जुगाड़ नहीं करता। नाना प्रकार की योजनाएं बनाता है; बैठने, सोने, आवागमन को सुकर बनाने के लिए एक से एक सुविधाएं और साधन जुटाने की उधेड़बुन में जकड़ा रहता है; आवास और कार्यस्थल को मनभावन तरीकों से सुसज्जित करता है। […]

वाहवाही बटोरने की तड़पन

डिग्रियां, तगमे, फीतियों, मेडलों, अलंकरणों की चाहत से लोग विक्षुप्त हो रहे हैं। जिनका समूचा ध्यान बाहरी छवि निखारने और वाहवाही बटोरने में रहेगा क्या वह कार्य में चित्त लगा सकता है? उल्टा टोप, उल्टी जैकेट या नई अजीबोगरीब डिजाइन वाली शर्ट का फोटो फेसबुक में डाल कर वाहवाहियों की झड़़ी न लगने से लोग […]

स्वदेशी भाषाओं के संवर्धन का अर्थ विदेशी भाषाओं का तिरस्कार नहीं है

निजी भाषा को भरपूर व्यवहार में लाना व्यक्ति और समाज के चहुमुखी विकास के लिए अनिवार्य है। भारत में प्रचलित 1600 भाषाओं में से अधिकांश की समृद्ध मौखिक या/और लिखित परंपराएं हैं, ये सभी जीवंतता व विविधता से परिपूर्ण हैं। इन स्थानीय भाषाओं ने सदियों तक लोकजीवन में प्राण संचारित करते हुए जनमानस को उद्वेलित, आह्लादित, […]

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