Category: साप्ताहिक काॅलम

ऊपर वाले का न सही, सबसे ऊपर वाले का खयाल रहे

हालिया मोबाइल में प्राप्त एक मैसेज में किताबों में तल्लीन मालूम पड़ते एक बालक को दिखाया गया। उसने करीने से, रस्सी से मोबाइल फोन को लटका रखा है, परदे के पीछे ऐसे कि किसी को भनक न पड़े। जब वह आश्वस्त होता है कि कोई उसके कमरे में यकायक नहीं प्रकट हो जाएगा तो वह […]

संकल्प नेक हों तो रुहानी ताकतें भी हाथ बंटाती हैं

मनोवैज्ञानिक बताते हैं, मंसूबे नेक हों, इच्छा ज्वलंत, दिल साफ, और हौसले बुलंद, तो मनचाहा हासिल हो जाता है। वह कार्य भी संपन्न हो जाता है जो सर्वथा अकल्पित, अप्रत्याशित था, तमाम अटकलों से जुदा। और दुनिया भौंचक्की रह जाती है। गए मंगलवार 6 अगस्त को संसद में जो हुआ वह अजूबा से कम न […]

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