Retirement blues

I was reluctant to accept my retirement party. Yet I did. Here is why? This article was published in Deccan Herald nine days after my retirement. Myth of ‘meritorious service’:  After three decades and a half of ‘meritorious’ service as they euphemistically term it, as the date of my retirement draws close with only few days […]

सीमा प्रहरियों के समादर का अर्थ देश की माटी का सम्मान है

जान है तो जहां है। कुशल रहेंगे तभी कोई कार्य निबटाने और मनचाहा हासिल करने की गुंजाइश रहेगी। स्वयं की हिफाजत को सर्वोपरि मानते हुए पिछली पीढ़ी प्रायः अपनी संतति को चिट्ठी की शुरुआत इस हिदायत से करती थी, ‘‘पहले आत्मरक्षा, बाद में अन्य कार्य’’। बेहतरी के लिए आवश्यक है कि मन और चित्त में […]

जिंदगी के सुख ‘नाम’ के पीछे भागने से नहीं, कर्म से मिलेंगे

नाम के पीछे पगलाने वालों की कमी नहीं, एक ढूंडोगे दस मिलेंगे, दूर ढूंडोगे  पास मिलेंगे। नाम के बदले काम पर ध्यान रहने की फितरत बन जाए तो व्यक्ति की दुनिया रंगीन और आनंदमय हो जाएगी। मजे की बात, तब नाम स्वतः ही मिल जाएगा। जब नाम रखने का लमहा आता है, चाहे नवजात बच्चे […]

आत्मसम्मान विकृत हो जाए तो अहंकार में बदल जाता है

कुदरत ने हर किसी को अथाह समझदारी और ताकत दी है। किंतु आपके समझदार होने से दूसरा व्यक्ति बेवकूफ नहीं हो जाता। आत्मसम्मान का भाव हमें हौसले देता है, लेकिन दूसरों को हेय समझेंगे तो आप ही भाड़ में चले जाएंगे। पति-पत्नी, पिता-बेटा, भाई-बहन, पड़ोसियों या मित्रों में जरा सी कहासुनी के बाद दोनों पक्षों […]

झूठमूठ खांसते, चतुर्वेदीजी बनने चले त्रिवेदीजी रह गए द्विवेदीजी

राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट ! मौके का फायदा उठा कर त्रिवेदीजी चतुर्वेदीजी बनने चले थे। किंतु हालात ने यों पटका कि वे द्विवेदी बन कर रह गए।   लोगबाग गली-मोहल्ले, सामुदायिक स्थान, पार्क या कार्यस्थल में, संक्षेप में कहें तो यत्र, तत्र सर्वत्र हर खांसते-खंखारते से भयभीत हो कर वे यूं […]

संतान से अनावश्यक मोह कष्टकारी होगा

  संतान की परवरिश कर्तव्यभाव से करें, प्रतिफल की आस रहेगी तो जीवन बोझिल हो जाएगा। कार्यस्थल में जिस कुर्सी पर हम बरसों बैठते रहे, घर में जिस बिस्तर पर सोए, जिस थाली में भोजन ग्रहण करते रहे, पार्क की जिस बेंच पर अक्सर बैठे, या जिस वृक्ष या पालतू जानवर पर प्रतिदिन दृष्टि जाती रही, […]

आप हमेशा शिकायती मुद्रा में तो नहीं रहते

आपको हर किसी से शिकायत रहेगी तो थोपड़ा गुमसुम रहने लगेगा और लोग आपसे कतराने लगेंगे। इस प्रक्रिया में आपका चैन तो छिनेगा ही, जरूरी काम भी नहीं सलटेंगे। घर में परिवार के मुखिया से, या कार्यस्थल में अधिकारी या अधीनस्थ कर्मियों से सदा शिकायत करने वाले नहीं समझते कि कोई घर, या किसी संगठन […]

लाकडाउन रहे या न रहे, व्यस्त रहेंगे तो फालतू के विचार नहीं आएंगे

  लाकडाउन के मौजूदा दौर में बच्चे बेसब्र हैं, स्कूल कब खुलेंगे? मम्मी से मैडम ही भली। अनेक देशों में महिलाएं कौंसलरों के पास भारी संख्या में यह शिकायत ले कर आ रही हैं कि उनके पति उसकी मर्जी के खिलाफ ज्यादती और प्रताड़ना करते हैं। यदि जिंदगी में कोई एजेंडा होगा तो खालीपन की […]

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