कम बोलेंगे तो आपकी बात का वजन ज्यादा होगा

कम बोलेंगे तो आपकी बात को ज्यादा तवोज्जू दिया जाएगा। फिर भी बकर–बकर करने वालों की कमी नहीं। जहां एक वाक्य से काम चलता है वहां तीन, चार या पांच बोलने, और खामख्वाह की तकरार से आप अपना भी समय खराब करते हैं, दूसरों का भी।  घर आए मित्र को ताजा लिखी कविता के एक […]

जीवन में इंद्रधनुषी रंगों की उमंग

जीवन से प्रेम है तो रंगों से लगाव लाजिमी है।  जीवन में उल्लास, उमंगों और जीवंतता का संचार करते हैं रंग।  रंगों के पर्व  का आनंद लेने वालों से हिकारत न रखें। इनके लुत्फ से वंचित न हों। कभी सोचा है, कैसी होगी रंगों से विहीन दुनिया? सब कुछ श्वेत-श्याम होगा तो विभिन्न वस्तुओं की […]

प्रेम के छिड़काव से केवल प्रेमिका को नहीं, सभी को धन्य करें?

गजब की ताकत है प्रेम में। जो कार्य धनशक्ति, राजनैतिक शक्ति, बाहुबल के बस की नहीं वह सब प्रेम करवा सकता है। लेकिन जो प्रेम केवल प्रेयसी के लिए सुरक्षित है वह प्रेम नहीं, शुद्ध कामुकता है। आखिर एक धुआं वह है जो मंदिर से निकलता है, दूसरा श्मशान का होता है। दोनों की तासीर […]

इंसान के खुशनुमा जीवन की बढ़िया कुंजी बनती है शुक्रगुजारी

  जिस मुकाम पर आप आज हैं, वहां पहुंचने में सैकड़ों जाने-अनजाने व्यक्तियों, संगठनों का हाथ रहा है। यदि आप इनके प्रति शुक्रिया महसूस करने की आदत बनाते हैं तो आपकी जिदंगी स्वस्थ व खुशनुमा गुजरेगी। जो लोग जीवन को तोहफा मानते हैं, वे मन, शरीर व भावना से अधिक स्वस्थ रहते हैं। फिर भी […]

आसक्ति ईश्वर से हो जाए तो जीवन सफल हो जाता है

बस यात्रा बमुश्किल चार घंटे की थी। रास्ते में चायपान के बाद बस दोबारा चलने लगी तो दो यात्री एक ही सीट की दावेदारी में भिड़ गए। एक की दलील थी, सीट शुरू से उसी की थी, इसलिए गंतव्य तक इस पर उसी का अधिकार है। दूसरे की रट थी कि कम दूरी की बसों […]

समस्याओं से जूझने पर नई राह निकल ही आती है

जिंदगी में धूप-छांव के सिद्धांत को मानने वाले फूलों के साथ कांटों की मौजूदगी की शिकायत नहीं करते। यह संभव नहीं कि बिना अड़चन और चुनौतियों के दैनिक कार्य या विशेष कार्य संपन्न होते चले जाएं। जो इन अप्रिय, अप्रत्याशित घटनाओं से जूझने के लिए स्वयं को तैयार नहीं रखेंगे उनके लिए जीवन अभिशाप बन […]

पत्नियों की खुरंसः कितनी सही, कितनी नाजायज

बहुत सी पत्नियों की सुविचारित, दृढ़ मान्यता है कि उन सरीखा बुद्धिमान, सयाना, और उनके पति जैसा निकम्मा, वाहियात व्यक्ति दुनिया में नहीं मिलने वाला। महिलाई सोच का मुद्दा अत्यंत जटिल और अबूझ है, इसे समझने में बड़े-बड़े ज्ञानी, संत, विचारक और दार्शनिक गच्चा खा गए। इसी संबंध में हालिया मिले तीन व्हाट्सऐप मैसेज इस […]

एक पक्ष पूर्वजों के प्रति आभार ज्ञापन का: वार्षिक श्राद्ध

नतमस्तक होना, विनम्र रहना और कृतज्ञता का भाव रखना भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। पुरखों, मातापिता सहित उन सभी व्यक्तियों और संस्थाओं के प्रति ऋणी रहने का भाव — जिनका हमारे जन्म, हमारी परवरिश, शिक्षा तथा आजीविका प्रदान करने में योगदान रहा — हमारे जीवन को सार्थक और बेहतर बनाता है। इस दृष्टि […]

काल चक्र पर विचार

काल चक्र में नए-पुराने के मायने नहीं होते, यह अतीत-वर्तमान-भविष्य की त्रिपक्षीय किंतु एकल, अनवरत अस्मिता है। काल की परिकल्पना एक चक्र के रूप में की गई है जो क्रमशः आगे की ओर घूमता रहता है, और कभी पूर्व अवस्था में नहीं लौटता। इस चक्र की धुरी वर्तमान है जिसके एक छोर पर अतीत है […]

अहंकार

जंगल के दूसरे किनारे जाती मक्खी को उसी दिशा में अग्रसर एक हाथी दिखा, वह उसके कान के ऊपर सवार हो गई। कुछ दूरी तय होने पर बोली, “हाथी भाई क्षमा करना, मेरे कारण तुम्हें थोड़ा कष्ट जरूर होगा किंतु मुझे खासी राहत मिल रही है”। हाथी ने नहीं सुना। थोड़ी देर बाद हाथी को […]

चुनौती

दीर्घावधि तक टिकी या बेकाबू प्रतीत होती कठिनाई, दुविधा या रुकावट चुनौती का रूप ले लेती हैं। सामान्य सोच बिसार देती है कि फूल हैं तो कांटे भी होंगे। प्रतिकूल परिस्थितियां जीवन का अभिन्न अंग हैं, इनका आना-जाना लगा रहेगा और इन्हें स्वीकार करना होगा। अंधकार न हो तो प्रकाश की कद्र कैसे होगी? उसी […]

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