मनुष्य निपट एकाकी जीव है, और सामुदायिक भी!
मनुष्य का असल स्वरूप क्या है? उसका नितांत एकाकीपन या समूह की इकाई बतौर? इतिहास बार-बार पुष्टि करता रहा है कि समाज को किसी भी क्षेत्र में जो सर्वोत्तम हासिल हुआ है वह किसी व्यक्ति की एकाकी सोच के बूते। उस परमशक्ति का प्रतिरूप होने के नाते प्रत्येक मनुष्य को वह काबिलियत और शक्तियां कुदरती तौर […]