शक्ति और सामर्थ्य जिम्मेदारियां बेहतर निभाने के साधन बनने चाहिएं
स्वयं को सशक्त बनाने के आह्वान में स्वामी विवेकानंद ने कहा, ‘‘जीवन नाम है शक्ति का, निर्बलता मृत्यु की ओर ले जाती है’’; उनका आशय था जीवंतता और हौसले जीवन को जड़ नहीं होने देते, और इनके अभाव में जीवन बुझा, नीरस हो जाएगा। शक्तिसंपन्न व्यक्ति जीवनपथ में यदाकदा पसर जाती मुश्किलों और विडंबनाओं के […]