छोटों को ‘उत्पात’ मचाने दो, वरना खैर नहीं!
समाजशास्त्रियों, नेताओं, सरकारों, प्रबुद्धजनों ने कहा, लिखा और हमने पढ़ा-सुना कि बच्चे देश और समाज का भविष्य हैं। देश के विकास का स्वरूप, इसकी दिशा-दशा क्या होगी, सब बच्चों-युवाओं की सोच पर निर्भर है, चूंकि सोच के अनुरूप कार्य होंगे और फल मिलेगा। उम्रदारों की संख्या सभी देशों में बढ़ रही है, उनकी खैरियत का […]