The Mind-Body matrix

In primordial era, more so in the Indic context, the primary purpose of life was spiritual upliftment, followed by healthy living. Proper care of the body being difficult in routine, the scriptures linked it with religious duty: ‘Shariramadyam dharm khalu sadhanam’ i.e. human body is the foremost instrumentality for attaining spiritual growth. This expression has […]

अच्छी सेहत के लिए मन को टिकाए रखें, शरीर को चलाते रहें

आप जितनी भी जिम्मेदारियां निभाते हैं, याद रहे, इस ढ़ाई हाथ की काया की दुरस्ती का जिम्मा भी आपका और केवल आपका है। आपकी पूछ तभी तक है जब तक आप जिंदा, और चलते-फिरते, स्वस्थ हैं। मौत होते ही, घर के, अन्य करीबी भी आपका नाम लेने से कतराएंगे। कहेंगे, ‘इसे’ या ‘मिट्टी’ को ले […]

प्राण का संचार करता है जीवनदाई जल

जल है तो जीवन है। अभी भी इसके उपयोग और वितरण पर जुगत से नहीं चलेंगे तो आने वाली चुनौतियों की कल्पना नहीं कर पाएंगे। जिन पंचतत्वों (जल, वायु, अग्नि, आकाश, पृथ्वी) से हमारे शरीर, बल्कि समस्त चराचर जगत की रचना हुई उनमें जल प्रधान है। हमारे शरीर और पृथ्वी पर क्र्रमशः 61 और 71 […]

जीवन के आनंद उन्हीं के लिए सुरक्षित हैं जो रंगों से दुराव नहीं रखते

रंग हैं तो जीवन में उमंग है, उत्साह है। रंगों से सराबोर फिजाओं में, शर्माजी रोजाना की तरह आज पार्क का चक्कर लगाने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे। खिड़की से देखा, युवाओं की फौज गली में होली का जश्न मना रहे थे। उन्हें कोसते, उनके बाबत कुछ अभद्र बुड़बुड़ाने लगे। किचिन से आती […]

निष्ठा से काम करना रास आ जाए तो अवसर न मिलने का दुखड़ा नहीं रहेगा

मन से संपन्न कार्य की गुणवत्ता उच्च कोटि की होती है। ऐसे किरदारों के पास अवसर खिंचे चले आते हैं। वे रोते नहीं रहते कि उन्हें अवसर ही नहीं मिलते। ‘ऐसा होता, वैसा होता…’ ‘‘मेरे पास एक करोड़ रुपए होते/ मेरी पारिवारिक हालत पुख्ता होती/ मुझे फलां कोर्स में एडमिशन मिल गया होता तो दुनिया को […]

ओवर थिंकिंग का अर्थ है ईश्वरीय व्यवस्था में अविश्वास

अति चिंतित रहने का अर्थ है महाशक्ति की व्यवस्था में संदेह करना। उस पर विश्वास रखें। हां, अपने कार्य निष्ठा से संपन्न करते जाएं। चिंतन मस्तिष्क की स्वाभाविक क्रिया है। गर्भ में भ्रूण के निर्माण और प्राण आने के क्षण से ही मनुष्य की चेतना जाग्रत हो जाती है। यही चेतना उसके मस्तिष्क को सक्रिय […]

संकल्प व्यक्ति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा देता है

जिस मूर्ख ने सामने वाले को इस तर्ज पर नव वर्ष की बधाई दी, ‘‘नए साल में तुम्हारे कष्ट उतने ही गैरटिकाऊ रहें जितना तुम्हारे नए वर्ष के संकल्प’’ – उसे संकल्प का अर्थ ही नहीं मालूम था! बेचारे को ज्ञान न था कि संकल्प ही वह रामबाण है जिसके बूते सब कुछ हासिल किया […]

समय की गति

संबंध जीवन की धुरी हैं। जो संबंध बनाना और निभाना जानते हैं उनका समय सदा अच्छा चलता है। नव वर्ष, त्यौहार, वर्षगांठ, परिवार में नए सदस्य का आगमन (या प्रस्थान) जैसे अवसर संबंधों और आवासीय परिवेश को संवारने, पुनर्व्यवस्थित करने का कारण बनते हैं। उत्सवी परिवेश रोजमर्रा की एकरसता को तोड़ कर नएपन का अहसास […]

विदेश में रचपच रहे बेटे-बहू के निमित्त खुली चिट्ठी

चि. उत्कृष्ट और आयु. संस्कृति, चि. उत्कृष्ट एवं आयु. संस्कृति, तुम दोनों के विवाह को आज दो वर्ष बीत चुके हैं! मन है, कि चंद शब्द लिखे जाएं। यह कि वैवाहिक जीवन साल-दर-साल बेहतर होते चलें। हालांकि भावी दांपत्य जीवन के स्वरूप और दशा-दिशा को आंकने के लिए दो बरस की अवधि पर्याप्त नहीं होती। […]

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