प्राण का संचार करता है जीवनदाई जल
जल है तो जीवन है। अभी भी इसके उपयोग और वितरण पर जुगत से नहीं चलेंगे तो आने वाली चुनौतियों की कल्पना नहीं कर पाएंगे। जिन पंचतत्वों (जल, वायु, अग्नि, आकाश, पृथ्वी) से हमारे शरीर, बल्कि समस्त चराचर जगत की रचना हुई उनमें जल प्रधान है। हमारे शरीर और पृथ्वी पर क्र्रमशः 61 और 71 […]
निष्ठा से काम करना रास आ जाए तो अवसर न मिलने का दुखड़ा नहीं रहेगा
मन से संपन्न कार्य की गुणवत्ता उच्च कोटि की होती है। ऐसे किरदारों के पास अवसर खिंचे चले आते हैं। वे रोते नहीं रहते कि उन्हें अवसर ही नहीं मिलते। ‘ऐसा होता, वैसा होता…’ ‘‘मेरे पास एक करोड़ रुपए होते/ मेरी पारिवारिक हालत पुख्ता होती/ मुझे फलां कोर्स में एडमिशन मिल गया होता तो दुनिया को […]
संकल्प व्यक्ति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा देता है
जिस मूर्ख ने सामने वाले को इस तर्ज पर नव वर्ष की बधाई दी, ‘‘नए साल में तुम्हारे कष्ट उतने ही गैरटिकाऊ रहें जितना तुम्हारे नए वर्ष के संकल्प’’ – उसे संकल्प का अर्थ ही नहीं मालूम था! बेचारे को ज्ञान न था कि संकल्प ही वह रामबाण है जिसके बूते सब कुछ हासिल किया […]
समय की गति
संबंध जीवन की धुरी हैं। जो संबंध बनाना और निभाना जानते हैं उनका समय सदा अच्छा चलता है। नव वर्ष, त्यौहार, वर्षगांठ, परिवार में नए सदस्य का आगमन (या प्रस्थान) जैसे अवसर संबंधों और आवासीय परिवेश को संवारने, पुनर्व्यवस्थित करने का कारण बनते हैं। उत्सवी परिवेश रोजमर्रा की एकरसता को तोड़ कर नएपन का अहसास […]
अपना भविष्य आप स्वयं बनाते हैं
आने वाला वक्त कैसा गुजरेगा, यह जिज्ञासा स्वाभाविक है। किंतु इतनी बेचैनी ठीक नहीं कि एक-दर-एक ज्योतिषियों, मंदिर-मस्जिदों, गुरुओं-फकीरों के चक्कर लगने शुरू हो जाएं। ऐसे तो आप भटकते ही रहेंगे। अपने भीतर झांकें। परम शक्ति का अंश होने के नाते आप में अथाह सामर्थ्य है जिसके बूते आप सुंदर भविष्य स्वयं निर्मित कर सकते […]
पैसा कमाना ही लक्ष्य बन जाए तो दुर्गत शुरू हो गई समझ लीजिए
‘‘सबसे बड़ा रुपय्या’’ मानने वाले बेचारे हैं। वे नहीं जानते कि दनिया की बेहतरीन चीजें न बिकती हैं, न खरीदी जा सकती हैं। इन्हें श्रम और अथाह धैर्य से अर्जित करना पड़ता है। पैसा और पैसे वालों की वाहवाही करने वाले कालांतर में जब धड़ाम से गिरते हैं तो उनका साथ देने वाला कोई नहीं […]
बड़े कार्य विनम्रता से सधते हैं, बलपूर्वक नहीं
पूजा-अर्चना आत्मविकास की श्रेष्ठ विधि है किंतु लक्ष्य यदि शक्ति अर्जित करना है तो व्यक्ति सही गंतव्य तक नहीं पहुंच सकेंगे। सुफल उसी कार्य का मिलता है जो स्वेच्छा से, बगैर बाहरी बल या प्रभाव के निष्पादित संपन्न होता है। अटके काम कैस सुलझाएंः मामला सरकारी महकमे का हो, घर-परिवार, समाज या कारोबार में उलझन […]
शब्दों से धोखा हो सकता है; मौन, हावभाव और संकेतों से सत्य को बेहतर जान सकते हैं
विडंबना है कि प्रत्येक भाव या विचार के लिए शब्द नहीं हैं। फलस्वरूप जो भी शब्द कौंधें, वही उडेल दिए जाते हैं जिससे प्रायः विवाद उत्पन्न हो जाते हैं। इसीलिए दूसरे की मंशा जानने के लिए हावभाव तथा संकेतों को समझना बेहतर रहता है। आदि मानव को भले ही शब्द और भाषा का ज्ञान न […]
धैर्य रखें; जो ठीक नहीं है, वह भी ठीक हो जाएगा
बुलंदी पर चढ़ते शख्स को देख कर न भूलें, इसके पीछे दिन-रात की जीतोड़ मेहनत, लगन, और सब्र का माद्दा रहा है। जब अन्य लोग पार्टियों, पिकनिक तथा अन्य रंगरेलियों में मशगूल थे, तब ये इत्मीनान से अपने मिशन में डूबे रहते थे। दिशा सही है तो आपको केवल सब्र रखना है। सफलता के गंतव्य […]
सरल स्वभाव का व्यक्ति दूसरों का मार्गदर्शक बन जाता है
हमारी अधिकांश समस्याएं इसलिए हैं चूंकि सोच सीधी, स्पष्ट नहीं है। विचार, भाव और व्यवहार में हेरफेर नहीं होगा तो कष्ट स्वतः दूर हो जाएंगे। प्रकृति में सब कुछ सहज रूप से घटता है: मनुष्य से इतर, समस्त चराचर जगत के कार्यसंचालन की व्यवस्था बेचूक, शानदार और गजब की है। इसके विपरीत मनुष्य की सोच, उसके […]
बहुत दूर तक जाती एकाकी राहों में सुख भी अपार हैं
प्रत्येक मनुष्य कुदरत की बेजोड़, नायाब रचना है। उसे प्रभु नेअथाह सामर्थ्य दी है जिसके बूते वह ऐसे गजब कर सकता है कि स्वयं चकरा जाए। किंतुअफसोस, वह देखादेखी अपना मूल स्वरूप छोड़ देता है और भीड़ का हिस्सा बन कर रह जाता है। मनुष्य का एकाकी स्वरूप अनगिनत गुणों से भरपूर मनुष्य जैसा अन्य […]
उनसे न उलझें जो आपकी चुप्पी तो क्या, बोल ही नहीं समझते; बस अपने कार्य में चित्त लगाए रखें
जिन व्यक्तियों से रोजाना का उठना-बैठना है उनसे मिलने के लिए भी सजना-धजना जरूरी समझते हैं। वह क्या कहेगा, हमारे बारे में क्या सोचता है इसे खामख्वाह तवोज्जु देते हैं और अपनी चौकड़़ी भूल जाते हैं। हम भले हों, न हों, चलेगा किंतु दुनिया भला समझे, अहम यह हो गया है। हर किसी को खुश […]