जो अपने पास है, उसकी कद्र करें; दुनिया रंगीन हो जाएगी
नया चाहे दूसरे का हो या अपना, आकर्षित करता है। आपके पास क्या है, इसकी सूची बनाएं। आपकी आज की स्थिति के लिए अनेक लोग तरस रहे हैं। पड़ोस के शर्माजी ने नई कार क्या खरीदी कि वर्मा परिवार की नींद उड़ गई, उन्हें सपरिवार अपनी आठ वर्ष पुरानी कार खटारा लगने लगी। पत्नी आए […]
नाम के पीछे दौड़ते रहेंगे तो न काम ढ़ंग से होंगे, न ही नाम होगा
जो नाम या वाहवाही के पीछे दौड़ते रहे उनके कार्य सही से नहीं निबटे, न ही उनका नाम हुआ। बल्कि जीवन की संध्या में उन्हें हताशा ही हाथ लगी। वाहवाहियां क्या हैं –कार्य पर ध्यान रखने का स्वाभाविक प्रतिफल।
आसन व स्थान की महिमा संगत में आने वालों को भी धन्य करती है
जिस आसन को निष्ठावान साधक ग्रहण करता है उसके गिर्द का परिक्षेत्र ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाता है। इस परिधि में आने वाले व्यक्ति के भीतर भी ईश्वरीय शक्ति के संचरण होता है और वह धन्य होता है। कण्वनगरी में कथा बांचते युवा महंत संतों, कथावाचकों के चरणों पर लेट कर माथा टेकते भक्तों […]
नई ऊंचाइयां हासिल करने के लिए नए तौर-तरीके कारगर अपनाने होंगे
हमें अपना शेष जीवन भविष्य में गुजारना है। अतः अतीत के फालतू प्रसंगों से पिण्ड छुड़ाना ही होगा। स्वास्थ्य पर चर्चा हो रही थी। जब किसी ने कहा, अगले बारह वर्षों में कुल मरीजों में आधे मानसिक बीमार होंगे तो डाक्टर मित्र तपाक से फरमाए, ‘‘बारह वर्ष? यह स्थिति तो अभी बन चुकी है।’’ जहां […]
दैविक शक्तियों का आह्वान तो करें, वे जरूर हाजिर हो जाएंगी
आप उसी परमशक्ति के अंश हैं जिसने समूचे ब्रह्मांड की रचना की। जब आप यह स्वीकार कर लेंगे तभी उस शक्ति के असंख्य लाभों के भागीदार बनेंगे, अन्यथा नहीं। अपने भक्तों के हित में प्रभु अप्रत्याशित, अनोखे कार्य भी कर डालते हैं। शंकर-पार्वती का प्रसंग है। एक भक्त दंपत्ति को आवश्यक कार्य से नगर से […]
चले बिना गुजर नहीं, किंतु उससे जरूरी है, पता हो किधर जाना है
क्या आपने नियत क्षमता से बहुत कम चली हुई, नई सी दिखती मिक्सी, सिलाई मशीन, मोटर साइकिल या अन्य उपकरण को कबाड़़ में बिकते देखा है? इन उपकरणों की बेहाली इसलिए हुई चूंकि इन्हें चलाया नहीं गया! हमारे शरीर की भी यही नियति है। मन और शरीर को सदा सक्रिय रखना होगा। बैठे ठाले […]
असंतुष्ट रहने वाला अपना सुख चैन खो देता है
कोई भी निजी मकान, कार्यालय या पद आपकी आकांक्षाओं के अनुरूप निर्मित नहीं किया गया है। जिस संगठन ने आपको बरसों-बरसों आजीविका दी, मान सम्मान दिया, उसकी कद्र करने के बदले उसमें नुक्स तलाशना या कोसते रहना तो अहसानफरमोशी हुई। उस संगत से बचें जहां निरंतर अपने कार्यस्थल और वहां के कार्मिकों पर अनुचित और […]
सुखी रहने के लिए अपेक्षाएं घटानी पड़़ेंगी
अपने पति या पत्नी, बेटे, बेटी, संबंधियों, सहकर्मियों, पड़ोसियों, मित्रों और परिजनों से आप कितना संतुष्ट या प्रसन्न रहते हैं, यह उन उम्मीदों, अपेक्षाओं पर निर्भर है जो आपने दूसरों से बांध रखी हैं। जितनी ज्यादा अपेक्षाएं उतना ज्यादा दुख। इस प्रकार के दुखड़े आपने भी खूब सुने होंगेः (1) यह वही संतान है […]
छांव चाहिए तो धूप भी सहनी पड़ेगी
जिंदगी वरदान है या अभिशाप? यह तो नहीं हो सकता कि फूल हैं तो कांटें नहीं हों। एक ही परिस्थिति एक जन के लिए बला बन जाती है तो दूसरा सहजता से बेड़़ा पार कर लेता है। टंटा सोच का है। सुख का अर्थ प्रतिकूल परिस्थियों की अनुपस्थिति नहीं है। जीवन धूप-छांव का खेल है; […]
शांति रखेंगे तो सभी कार्य भलीभांति संपन्न हो जाएंगे
हर कोई हड़बड़ी में है। चैन किसी को नहीं! हो भी कैसे, मन स्थिर नहीं रहता। मन शांत, संयत नहीं रहेगा तो काम भी आधे-अधूरे होंगे, न ही उसमें लुत्फ आएगा। अच्छी बात यह है कि मन को शांत रखने की सामर्थ्य हर व्यक्ति में है। कोई भी कार्य सुचारु रूप से संपन्न होने की शर्त है […]
कोई भी परिवेश, या परिस्थिति बेहतरीन नहीं होेती, उसे अनुकूल बनाना होता है
वह मकान किसी को नहीं फबता, फलां फलां दिन अमुक कार्य के लिए शुभ नहीं होते – ऐसी धारणाएं बनाने वाले न स्वयं खुशनुमां रहते हैं , दूसरों को और दुखी करते हैं। इसके बदले, यह गांठ बांध ली जाए, अपने चित्त और मन को दुरस्त कैसे रखना है तो जीवन आनंद बन जाएगा। वास्तु […]
गलती हुई है तो मान लेने में ही बड़प्पन है
कार्य करेंगे तो गलतियां भी होंगी। गलतियां मान लेंगे तभी सुधार होगा, अन्यथा नहीं।