जिसने मलाई मार कर (यानी दूसरे के हिस्से का) नहीं खाया उसकी बुद्धि कुशाग्र नहीं हुई
ऊपर से जो मिले उसका मजा अदभुद, चिरस्मरणीय रहता है पढ़ाई में मुन्नी के अव्वल रहने में किसी को संदेह नहीं था, सभी विषयों में उसे आत्मविश्वास भी था। फिर भी उसकी मां रोज मुन्नी को फुसलाती, मिन्नत करती कि बड़े भाई का ट्यूशन टीचर निकलने लगे तो चलते चलते उससे कुछ भी पूछ लेना। […]