Life makes sense only in friendly ambience

Relationship with your spouse, children, brother, sister, uncle or grandparents cannot be taken for granted. They shall last only if there a tinge of friendliness. Friendship, like any other relationship also requires continuous maintenance to remain live & vibrant. ‘Fiendship’ is a pious, ennobling term; a relationship that begins when two individuals with similar chemistry […]

जो भी है, बस यही पल है; जो करना है, अभी कर डालो

अपना स्कूली शिक्षा, उसके बाद का दौर भी फुरसतिया था। अब नर्सरी के बच्चे से ले कर रिटायर हो चुके को, पूर्णतया गृहकार्य संभालती महिलाओं सहित किसी को घड़़ी भर की फुर्सत नहीं। खुचरा ढूंढ़ते एक मिनट हो जाए तो भिखारी भी यह कहते आगे बढ़ जाएगा – “इतना टैम नहीं”। जिसने जिंदगी में लक्ष्य […]

बाबा रामदेव – योगी से लाला भयो

वक्त-वक्त की बात है। बाबा रामदेव को आज योगगुरु बतौर उतना नहीं जानते जितना दन्तकान्ति, केश निखार, शैंपू, पतंजलि घी जैसे लोकप्रिय ब्रांडों के स्टार प्रचारक के रूप में। हरियाणा में जन्मे 56 वर्षीय बाबा रामदेव (मूल नाम रामकृष्ण यादव) ने 8वीं पढ़ने के बाद भारतीय शास्त्रों, ग्रंथों और योग की शिक्षा-दीक्षा ली। आचार्य बालकृष्ण […]

संगीत की अथाह शक्तियों का लाभ जनहित में कैसे हो?

थाॅमस कार्लाइल कहते थे, संगीत देवदूतों की वाणी है। संगीत आदिकाल से विभिन्न संस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक अनुष्ठानों का अभिन्न अंग रहा है। अब त्यौहारों, शादियों व अन्य समारोहों की शोभा संगीत से है। यह गहरी निद्रा में सोये को झकझोर कर जगा देता है और अनिद्रा से बेचैन को सुला देता है। नटखटी, नखरे वाले […]

पुरखों, पित्रों से जुड़ाव हमारा जीवन संवार देता है

अपनी जड़ों यानी पुरखों, दिवंगत या जीवित मातापिता, घर-परिवार से जुड़ा व्यक्ति उस तानेबाने की अथाह शक्तियों से लाभान्वित होगा जिस कड़ी का वह अंतिम अंश है। निस्संदेह ज्वलंत इच्छा, अथक प्रयास और कर्मठता के बूते किसी भी नस्ल, पंथ या वर्ग का व्यक्ति चयनित क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करता है। तथापि अभीष्ट को पाने […]

पोषण से कहीं ज्यादा सांसों पर है सेहत का दारोमदार, जी हां! इनकी फिक्र करें

कोविड से निबटने के लिए पिछले कुछ महीनों तक ऑक्सीजन के लिए मचे हाहाकार का बड़ा संदेश है कि जीवन पंचतत्वों में एक वायु के प्रति अपनी दृष्टि में सुधार करें। साधु वृत्ति के अपने एक संबंधी थे, 93 वर्ष की आयु में, 2008 में चल बसे थे। आखिरी दिनों तक ओजस्वी, एकदम स्वस्थ, जिंदादिल, […]

आपका कहा-लिखा दूसरों के सर-आंखों पर रह सकता है बशर्ते …

चुनावी बयानबाजियों, बाजार में बिक्री बढ़ाने और रोजमर्रा की जिंदगी में अपना उल्लू साधने के लिए अमूनन शब्दों की जादूगरी का जम कर इस्तेमाल होता है। शब्द ऊर्जा है, इनका प्रयोग जितना सोच विचार कर करेंगे उतना ही वे वजनदार होंगे और आपकी शख्सियत में चार चांद लगाएंगे। शब्दों की उत्पत्ति दैविक, और इनका स्वरूप […]

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