नई ऊंचाइयां हासिल करने के लिए नए तौर-तरीके कारगर अपनाने होंगे

हमें अपना शेष जीवन भविष्य में गुजारना है। अतः अतीत के फालतू प्रसंगों से पिण्ड छुड़ाना ही होगा। स्वास्थ्य पर चर्चा हो रही थी। जब किसी ने कहा, अगले बारह वर्षों में कुल मरीजों में आधे मानसिक बीमार होंगे तो डाक्टर मित्र तपाक से फरमाए, ‘‘बारह वर्ष? यह स्थिति तो अभी बन चुकी है।’’ जहां […]

सरल स्वभाव का व्यक्ति दूसरों का मार्गदर्शक बन जाता है

हमारी अधिकांश समस्याएं इसलिए हैं चूंकि सोच सीधी, स्पष्ट नहीं है। विचार, भाव और व्यवहार में हेरफेर नहीं होगा तो कष्ट स्वतः दूर हो जाएंगे। प्रकृति में सब कुछ सहज रूप से घटता है:  मनुष्य से इतर, समस्त चराचर जगत के कार्यसंचालन की व्यवस्था बेचूक, शानदार और गजब की है। इसके विपरीत मनुष्य की सोच, उसके […]

जिंदगी के रंगों का लुत्फ लेने से न चूकें

प्रकृति में कुछ नहीं जो रंगीन नहीं हो। रंग हैं जो जीवन में उत्साह, उमंग, उल्लास, खुशी और आशा का संचार करते हैं! रंग बोलते हैं, इनकी सुनें। रंगों के जरिए भावनाएं व्यक्त करें। रंगों का लुत्फ लेने से न चूकें। पल भर उस बेचारे की कल्पना करें जिसे सब कुछ नीला ही नीला दिखता, […]

चिंता करते रहने से समाधान और दूर चला जाता है

वे भाड़ में जा रहे थे। किसी सयाने ने जताया तो तपाक से बोले, ‘‘मुझे पता है! मुझे पीड़ा तब होती है जब दूसरों को यह पता चल जाए, या दूसरे सोचने लगें कि मैं भाड़ में जा रहा हूं।” सम्यता का तकाजा है, नाक कट जाए कोई बात नहीं, दूसरे को पता चल जाए […]

बहुत दूर तक जाती एकाकी राहों में सुख भी अपार हैं

प्रत्येक मनुष्य कुदरत की बेजोड़, नायाब रचना है। उसे प्रभु नेअथाह सामर्थ्य दी है जिसके बूते वह ऐसे गजब कर सकता है कि स्वयं चकरा जाए। किंतुअफसोस, वह देखादेखी अपना मूल स्वरूप छोड़ देता है और भीड़ का हिस्सा बन कर रह जाता है। मनुष्य का एकाकी स्वरूप अनगिनत गुणों से भरपूर मनुष्य जैसा अन्य […]

दैविक शक्तियों का आह्वान तो करें, वे जरूर हाजिर हो जाएंगी

आप उसी परमशक्ति के अंश हैं जिसने समूचे ब्रह्मांड की रचना की। जब आप यह स्वीकार कर लेंगे तभी उस शक्ति के असंख्य लाभों के भागीदार बनेंगे, अन्यथा नहीं। अपने भक्तों के हित में प्रभु अप्रत्याशित, अनोखे कार्य भी कर डालते हैं। शंकर-पार्वती का प्रसंग है। एक भक्त दंपत्ति को आवश्यक कार्य से नगर से […]

चले बिना गुजर नहीं, किंतु उससे जरूरी है, पता हो किधर जाना है

क्या आपने नियत क्षमता से बहुत कम चली हुई, नई सी दिखती मिक्सी, सिलाई मशीन, मोटर साइकिल या अन्य उपकरण को कबाड़़ में बिकते देखा है? इन उपकरणों की बेहाली इसलिए हुई चूंकि इन्हें चलाया नहीं गया! हमारे शरीर की भी यही नियति है। मन और शरीर को सदा सक्रिय रखना होगा।   बैठे ठाले […]

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