बहुत दूर तक जाती एकाकी राहों में सुख भी अपार हैं
प्रत्येक मनुष्य कुदरत की बेजोड़, नायाब रचना है। उसे प्रभु नेअथाह सामर्थ्य दी है जिसके बूते वह ऐसे गजब कर सकता है कि स्वयं चकरा जाए। किंतुअफसोस, वह देखादेखी अपना मूल स्वरूप छोड़ देता है और भीड़ का हिस्सा बन कर रह जाता है। मनुष्य का एकाकी स्वरूप अनगिनत गुणों से भरपूर मनुष्य जैसा अन्य […]