संकल्प व्यक्ति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा देता है

जिस मूर्ख ने सामने वाले को इस तर्ज पर नव वर्ष की बधाई दी, ‘‘नए साल में तुम्हारे कष्ट उतने ही गैरटिकाऊ रहें जितना तुम्हारे नए वर्ष के संकल्प’’ – उसे संकल्प का अर्थ ही नहीं मालूम था! बेचारे को ज्ञान न था कि संकल्प ही वह रामबाण है जिसके बूते सब कुछ हासिल किया जा सकता है, दुनिया के सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं।

बड़ी उपलब्धिों का राज: यह संयोग नहीं कि प्रत्येक अविष्कार, सृजनात्मक प्रस्तुति या असाधारण उपलब्धि, विशाल परियोजना या भव्य निर्माण कार्य के पीछे अनिवार्यतः एक सोच होती है। इसे व्यक्तिगत स्वप्न भी कह सकते हैं। इसका प्रादुर्भाव एक सुविचारित, दीर्घकालीन धारणा के उपरांत ही संभव है। स्वप्न को साकार बनाने की ठान लेने का नाम ही संकल्प है।

इच्छा सकल्प का पर्याय नहीं है: संकल्प इच्छा मात्र नहीं है। फलां चीज या पोजीशन मिल जाती तो मेरे जीवन में बहारें आ जातीं, जीवन सफल हो जाता, यह साधारण इच्छा हुई जो असाधारण परिणाम के द्वार पर नहीं ले जाएगी। अधिसंख्य लोग नाकामियों से घबरा कर लीक से हटकर काम करने वाले लोगों का साथ नहीं देते। किंतु जब व्यक्ति में लीक से हट कर, कुछ अलहदा प्राप्त करने की प्रबल लालसा जग जाए, अभिनव शिखरों को जानने-तलाशने का जुनून दिलोदिमाग पर इतना हावी हो जाए कि अन्यत्र ध्यान विचलित ही न होने पाए तब कह सकते हैं कि उसने संकल्प ले लिया है। संकल्प ले चुका व्यक्ति मनोयोग से अभीष्ट की प्राप्ति में जुट जाएगा। उसके व्यवहार और संवादों में परनिंदा या शिकायती स्वर नहीं झलकते। अधिसंख्य जनों की भांति वह निजी हितों की आपूर्ति में बहुमूल्य जीवन नहीं गंवा देता। बल्कि अभीष्ट को पाने में उसका दिन का चैन और रातों की नींद उड़ जाती है। और अंततः उसे वह मिल जाता है जिसके योग्य वह तत्पर हो चुका था।

सोच जीवन दिशा तय कर देती है: समान शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक परिवेश के दो व्यक्तियों में कालांतर में आमूल अंतर आ जाता है तो उनकी सोच, संजोए गए स्वप्न और संकल्प के कारण। जीवन उसी का सार्थक होता है जो दूरगामी गंतव्य को मद्देनजर रखते हुए एकाग्रचित्त रहता है। वह भटकाने वाली अनेकानेक उलझनों में नहीं पड़ता। उसे पता होता है कि घर, स्कूल-कालेज, महफिलों, बाजार या कार्यस्थल में और इनके बीच बहुत कुछ है जो उसे संकल्प से भटका सकता है – चैटिंग और रील की दुनिया, मुनाफाखोरी से अभिप्रेरित कारोबारी जगत की लुभावनी पेशकशें, खूबसूरत अदाएं और चेहरे, आदि।

प्रेरक साहित्य के नामी लेखक नेपोलियन हिल ने कहा, जो भी उद्देश्य हम तय करते हैं और उचित, व्यावहारिक तरीके अपनाते हुए मनोयोग से उस ओर अग्रसर रहते हैं तो वह हमें अवश्य मिलेगा बशर्ते चाहत साधारण नहीं बल्कि तीव्र और ज्वलंत हो। समाज की विडंबना है कि बुलंदियों की ओर बढ़ते कदम बहुतेरों को नहीं सुहाते और वे अनेक प्रकार की बाधाएं उत्पन्न करने की कुचेष्टा करते हैं। तथापि, संकल्प में दृढ़ता होगी तो विफलताओं और प्रतिरोधों के बावजूद संकल्पकर्ता के प्रयास नहीं थमते। संकल्पधारी की सफलता की गारंटी के पीछे प्रत्येक मनुष्य में निहित अथाह सामर्थ्य का सत्य है जिसका अनुमान विरलों को होता है। इसके अतिरिक्त संकल्प जब निजी स्वार्थों से परे, लौकिक कल्याण से अभिप्रेरित हो तब परालौकिक शक्तियां भी अप्रत्याशित रूपों से समर्थन प्रदान करती हैं। संकल्प ले चुका व्यक्ति यह भी जानता है कि मनुष्य की वास्तविक संपदा क्या है

बेहतरी, यश, मान्यता, सफलता कौन नहीं चाहता? किंतु समझना होगा, ये चीजें गिने-चुनों को सुलभ होती हैं। संसार में जो भी श्रेष्ठ है, वह अनायास नहीं मिलता, उसे पाने के लिए साधना, परहित भाव और अडिग संकल्प आवश्यक हैं। नव वर्ष एक अवसर दिखाता है कि शुरुआत यहां से की जा सकती है।

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इस आलेख का मूल प्रारूप 1 जनवरी 2025 के दैनिक हिन्दुस्तान में (संपादकीय पेज पर) प्रकाशित हुआ।

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