जहां खड़े हैं वहां हैं संभावनों के अंबार

नव वर्ष या सांस्कृतिक उत्सवों की रंगरेलियां आपको कितना रास आती हैं, यह आपकी मनोदशा पर निर्भर करता है। संभव है आपके अपने भीतर एक अधूरापन सालता रहे। यदाकदा आनंद-विभोर होने के लिए सायास जतन नहीं किए जाएं तो जिंदगी नीरस, उकताऊ और जड़ हो सकती है।

जीवंत रहने और प्रगति के लिए उमंग और हौसले निहायत जरूरी हैं। हमारे अनेक त्योहार जीवन में अनायास पसर जाती एकरसता को निष्क्रिय कर उमंगों-खुशियों का मार्ग प्रशस्त करते हैं। विभिन्न मौकोंं पर मंगलकामनाएं जरूर भेजें। किंंतु गांठ बांध ली जाए, शुभकामनाएं तभी फलीभूत होती हैं जब ये तहेदिल से निकलें। ऐसा तभी होगा जब हमारे दिल में दूसरों से मेलजोल और उसके सरोकार साझा करने का भाव होगा। सद्चरित्र की खुशबू की भांति हमारी हार्दिक कामनाएं छिपती नहीं हैं। उत्सव प्रतिदिन नहीं आते, किंतु प्रत्येक कार्य या घटना के प्रति सकारात्मक प्रवृत्ति रहेगी तो जीवन में उत्साह और उल्लास का प्रवाह बना रहेगा।
नि:संदेह आनंद का रस उन कर्मवीरों के लिए सुरक्षित है जो कुछ नया करने में लगे रहते हैं,आरामपरस्तों के लिए नहीं। रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा, “जिंदगी के असली मजे उनके लिए नहीं हैं जो फूलों की छांह के नीचे खेलते और सोते हैं बल्कि फूलों की छांह के नीचे अगर जीवन का कोई स्वाद छिपा है तो वही भी उन्हीं के लिए है जो दूर रेगिस्तान से आ रहे हैं, जिनका कंठ सूखा हुआ, होंठ फटे हुए और सारा बदन पसीने से तर है। पानी में जो अमृत वाला तत्व है उसे वही जानता है जो धूप में खूब सूख चुका है।”
नेपोलियन हिल कहते हैं, “आप जहां खड़े हैं वहीं संभावनाओं का अम्बार है, कोई नया ठौर नहीं तलाशा जाना है, बस कमर कसनी है।” मिशन की साधना में कर्मवीर जोखिम उठाता है। बाधाएं आती हैं और गल्तियां भी होती हैं। नए साल की शुभकामना बतौर नील गैमन कहते हैं, “आगामी साल में नई-नई, चौंकाने वाली गल्तियां होने दें; जड़ मत बनिए। यह चिंता छोड़ दें कि प्रेम में, परिवार में, सृजनात्मक क्षेत्र में, कार्यस्थल में, जीवन में, फलां काम बेहतरीन ढंग से नहीं हुआ। गलतियां होने के मायने हैं आप नए प्रयोग कर रहे हैं, नए आयाम तलाश रहे हैं और सबसे बड़ी बात आप कुछ ठोस कर रहे हैं।’The post जहां खड़े हैं वहां संभावनाओं के अम्बार appeared first on दैनिक ट्रिब्यून के संपादकीय पृष्ठ पर 1 जनवरी 2020 को प्रकाशित।
……………………….
अखवार का लिक:
https://www.dainiktribuneonline.com/2020/01/%e0%a4%9c%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%82-%e0%a4%96%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a5%88%e0%a4%82-%e0%a4%b5%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%a8/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top