Tag: संगत नियति कर्मफल …

जो भी चुनें, ठोक बजा कर चुनें

‘जो राह चुनी तूने, उस पे चलते जाना रे’ सत्तर के दशक की लोकप्रिय फिल्म तपस्या का यह गाना, ‘‘जो राह चुनी तूने …’’ आप में से बहुतेरों को भाया होगा। जिस धारणा, विचार या मान्यता को मनमंदिर में प्रतिष्ठित कर देंगे उससे वापसी असंभव सी हो जाती है। एकबारगी के निर्णय के अंजाम से […]

Back To Top