यों ही नहीं जलाए जाते दिए और कैंडिल
सभी पंथों, समाजों में दीप प्रज्वलन की सुदीर्घ सांस्कृतिक परंपरा रही है। दिए का प्रकाश जहां तमाम अंधेरे को खत्म करता है वहीं इसका ध्यान हमें उस परम शक्ति से जोड़ता है जिसके हम अभिन्न अंग हैं।
सभी पंथों, समाजों में दीप प्रज्वलन की सुदीर्घ सांस्कृतिक परंपरा रही है। दिए का प्रकाश जहां तमाम अंधेरे को खत्म करता है वहीं इसका ध्यान हमें उस परम शक्ति से जोड़ता है जिसके हम अभिन्न अंग हैं।